कुंदकुंद साधना वसदि
आज से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व, आचार्य कुंदकुंद देव ने सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र रूप साम्यभाव के आश्रम की उद्घोषणा की थी, जिसका ना तो कोई निर्माण था और न ही कोई अधिष्ठाता । वह तो आत्मा की ही निर्मल पर्यायों से बना हुआ एक आनंदमय निकेतन था । भगवान महावीर से लेकर आचार्य कुंदकुंद और उनसे लेकर वर्तमान के समस्त ज्ञानियों तक मोक्षमार्ग की, अर्थात् परस्पर में भगवान देखते हुए भगवान बनने की, जो संस्कृति अनवरत चली आई है, उसी धारा में आ. बाल ब्र. पंडित श्री सुमतप्रकाश जी ने “आ. श्री कुंदकुंद साधना वसदि, सम्मेदशिखर” की परिकल्पना की है । “सेवा, स्वाध्याय, स्वानुभूति, साधना एवं समाधि” इन पञ्च ध्येयों को लिए हुए; आधुनिक सुख-सुविधाओं से विहीन, केवल तत्त्वज्ञान और उसके आनंद से संपन्न, यह वसदि चतुर्थ कालीन आश्रम की एक लघु परिकल्पना है । इस आश्रम में देशभर से सभी साधना के इच्छुक गृहस्थ एवं साधक भाई-बहन आकर निर्बाध आत्माराधना कर सकते हैं । सेवा-समाधि करने-कराने के इच्छुक आत्मार्थियों का यह वसदी सहर्ष अभिनन्दन करती है।
साधना समाधि केंद्र 1. श्री विहरमान सीमंधर जिन-वसदि 2. श्री ब्रह्मचर्य वसदी 3. त्यागी विद्यालय 4. श्री श्रमणोपासक वसदि 5. श्री जैन-पथिक समाधि वसदि
श्री विहरमान सीमंधर जिन-वसदि

इस संकुल के मध्य में “श्री विहरमान सीमंधर जिन-वसदि (जिनमन्दिर)” है, जो कि पूर्णतः अहिंसक पद्धति को लक्ष्य में लेकर बनाया गया है । यह जिनमन्दिर न्यूनतम बिजली के, बिना अधिक बाह्य आकर्षण के, शुद्ध तेरहपंथ आम्नाय सहित, केवल आत्म साधना हेतु निर्मित है । इस मंदिर का प्रत्येक कार्य यहाँ के ही साधक एवं साधर्मी भाई-बहन करेंगे ।

ब्रह्मचर्य वसदि

1. मोक्षमार्ग के साधक त्यागी-व्रती एवं ब्रह्मचारी भाई-बहनों के लिए “ब्रह्मचर्य वसदि” निर्मित है ।
2. यहाँ साधक जीव आत्म साधना एवं षट्आवश्यक-अणुव्रतों में नियमित रहकर, परस्पर में सेवा-वैयावृत्ति-समाधि में संलग्न होकर आराधनामय जीवन यापन कर सकेंगे ।
3. यहाँ साधना प्रमाण आवश्यक सामग्री का संग्रह एवं प्रयोग किया जा सकेगा ।
4. यहाँ प्रयोगात्मक रूप स्वाध्याय-कार्य शाला आदिक होंगी जिससे आत्म-साधना की सही समझ विकसित हो सकेगी ।
5. यहाँ साधना के अनुकूल षट्आवश्यकों के साथ-साथ परस्पर में सेवा और वात्सल्य का वातावरण होगा, सभी भाई आपस में एक परिवार की तरह प्रसन्नता पूर्वक रहेंगे; अपने साथियों की निर्पेक्ष सेवा, स्थितिकरण, उपगूहन से लेकर वात्सल्यमयी समाधि तक की सारी व्यवस्था हम स्वयं करेंगे व कराएँगे ।

त्यागी विद्यालय

यहाँ ब्रहमचर्य की साधना करने हेतु “त्यागी विद्यालय” संचालित किया जायेगा । यहाँ उन्हें व्यवस्थित पञ्चवर्षीय पाठ्यक्रम के द्वारा जिनधर्म का प्रयोगात्मक अध्ययन और चारों अनुयोगों से सम्मत मोक्षमार्ग की साधना सिखाई जाएगी । इसमें नामांकन हेतु निम्न Form भरें ।

श्रमणोपासक वसदि

व्यापार एवं व्यवहार से निवृत्त, साधना हेतु गृहस्थों के लिए “श्रमणोपासक वसदि” अर्थात् फ्लैट्स का निर्माण हो रहा है, जहाँ साधर्मी बंधु अनंत सिद्धों की छत्र-छाया में रहकर, स्वावलंबी चर्या रखते हुए, परसपर में वात्सल्य भाव से सेवा तथा समाधि-साधना में सहयोग करेंगे । यहाँ 1 bhk फ्लैट उपलब्ध हैं । इनकी राशि एवं अन्य समस्त जानकारी आपको सबसे नीचे दिए गये संपर्क सूत्र से मिल जाएगी ।

यहाँ की कुछ नियमावली है जिसका सभी के द्वारा पालन होना अनिवार्य है :

  1. यहाँ फ्लैट क्रय-विक्रय (लेन-देन) या निवेश (इन्वेस्टमेंट) के लिए नहीं है ।
  2. यहाँ केवल आवश्यकतानुसार योग्य/उपयोगी सामग्रियों का ही संग्रह किया जा सकेगा ।
  3. यहाँ किसी भी फ्लैट पर नाम (मालिक एवं दान दातार के) अंकित नहीं किये जायेंगे ।
  4. यहाँ लिए गये फ्लैट के परिवार को न्यूनतम चार माह यहाँ रहकर आराधना करना आवश्यक है । शेष समय वह फ्लैट बंद नहीं रहकर अन्य साधार्मियों के लिए खुला रहेगा ।
  5. यहाँ रहने वाले प्रत्येक साधर्मी को यहाँ की नियमित दिनचर्या/षट्आवश्यकों का पालन करना आवश्यक है ।
  6. आपसी प्रेम-वात्सल्य एवं सेवा-भावना पूर्वक यहाँ रहने वाले प्रत्येक साधर्मी को अपना जानकर उनकी साधना में सहयोग करना; साथ ही जिनमन्दिर-जिनवाणी की वैयावृत्ति करना यह यह हमारा परम सौभाग्य है- ऐसा समझकर करेंगें ।
श्री जैन-पथिक समाधि वसदि

1. यहाँ पर समाधि हेतु योग्य निर्यापक बनने का प्रशिक्षण दिया जायेगा, साथ ही वृद्ध समाधिस्थ जनों की वात्सल्यमयी समाधि कराइ जाएगी ।
2. इसी वसदि में साधकों की अहिंसक एवं आगम सम्मत योग्य विधि के आधार से आरोग्य व्यवस्था की जायेगी, जिसका नाम “जैन-पथिक” (जैनोपैथी) है । भविष्य में इस विषय में अध्ययन एवं शोध के लिए “श्री जैन-पथिक (जैनोपैथी) अध्ययन एवं चिकित्सा केंद्र” की स्थापना होगी ।

विशेष नियम (सभी के लिए)

1. यहाँ किसी भी तरह के दान की याचना नहीं की जाती है । यदि आप यहाँ कुछ सहयोग करना चाहते हैं तो आप स्वयं ही यहाँ आवश्यकतानुसार उपयोगी (वस्त्र, अन्न, साहित्य प्रकाशन, ज्ञान दान आदि) सामग्री को सदुपयोग कर सकते हैं ।
2. यह पूरा साधना केंद्र रेडिएशन मुक्त स्थल (Radiation free zone) है, अर्थात् यहाँ खुले परिसर में किसी भी रूप में मोबाइल, लैपटॉप आदि डिजिटल उपकरणों का प्रयोग सभी (श्रावक एवं साधक) के लिए सर्वथा वर्जित है ।
3. सभी के द्वारा शील की मर्यादाओं का दृढ़ता से पालन किया जाना अनिवार्य है ।
4. इस संकुल में किसी भी तरह का अभक्ष्य एवं रात्रि भोजन, व्यसन आदि का पुर्णतः निषेध है ।

“विश्व के समस्त जीवों की साधना-समाधि में हम निमित्त बन सकें यही एक शुभेच्छा ”
कार्यकारिणी अध्यक्ष
राजेश जैन, दिल्ली
(9810300992)
महामंत्री
दीपक जैन, दिल्ली
(7011729244)
कार्यकारिणी सदस्य
कोषाध्यक्ष
सचिन जैन CA, दिल्ली
(9891059937)
ट्रस्टी
अनिल जैन, छिंदवाडा
(8989839959)
UPI Scanner
बैंक विवरण

A/C Name: Shri KundKund Sadhna Vasadi Trust
A/C No.: 1017728594
IFSC Code: IDFB0021412
BANK: IDFC FIRST BANK
BRANCH: RDC, Raj Nagar, Ghaziabad

सदस्यता श्रेणियाँ
  • परम शिरोमणी संरक्षक = ₹11 लाख
  • शिरोमणि संरक्षक = ₹6 लाख
  • परम संरक्षक = ₹4 लाख
  • संरक्षक = ₹2.5 लाख
  • सदस्य = ₹1 लाख

आ. श्री कुन्दकुन्द साधना वसदि का प्रस्तावित नक्शा

ब्रह्मचर्य वसदि का प्रस्तावित नक्शा

1 BHK फ्लैट का नक्शा

निर्मार्णाधीन सीमंधर वसदि के कुछ चित्र

एक अनोखा प्रयास
एक अनोखा प्रयास ...
आ. श्री कुंदकुंद निशुल्क बाल विद्यालय
आ.पंडित जी साहब की मंगल प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से साधना वसदि बनने से पूर्व ही “आ. श्री कुन्दकुन्द निशुल्क बाल विद्यालय, मधुबन” की स्थापना हुई जहाँ आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को लौकिक पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा एवं जैनधर्म को भी पढ़ाया जाता है । पिछले एक वर्ष में 100 से भी अधिक बालक-बालिकाओं ने लौकिक एवं धर्म का प्राथमिक अध्ययन किया है । यहाँ साप्ताहिक-मासिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है ।
यदि आपके पास अपने व्यापार या घर में कोई भी अतिरिक्त सामग्री हो, जिसका सदुपयोग यहाँ के बच्चे कर सकते हों, जैसे - पुरानी साइकिल, मोबाइल, कपड़े, पेन-कॉपी, स्कूल बैग इत्यादि तथा ब्रह्मचर्य वसदि के योग्य सामग्री जैसे - बर्तन आदि वह आप भेंट कर सकते हैं । से संपर्क करके शिखरजी के पते पर भिजवा सकते हैं, या आप इस Form को भरकर अपनी स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं ।
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